सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया फिर से टाटा के हवाले होने की खबर है। दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुकी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को टाटा द्वारा सबसे अधिक बोली लगाए जाने की खबरें चल रही हैं। एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एयर इंडिया के लिए टाटा संस की बोली को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह के समक्ष रखा गया था जिसे मंजूरी मिल गई है। इसके लिए स्पाइस जेट के अजय सिंह ने व्यक्ति स्तर पर बोली लगाई थी।
इस समूह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हैं। नागर विमानन के सूत्रों का कहना है कि टाटा संस ने इसके लिए सबसे ऊंची बोली लगाया था। टाटा संस द्वारा इसके लिए सरकार द्वारा तय न्यूनतम बोली से करीब तीन हजार करोड़ रुपये की अधिक बोली लगाए जाने की खबर है।
जे आर डी टाटा ने की थी स्थापना
वर्ष 1932 में टाटा समूह के जे आर डी टाटा ने इस विमानन कंपनी की स्थापना की थी लेकिन बाद में इसे राष्ट्रीयकृत कर दिया गया था। अगर यह खबर सही साबित होती है तो करीब 67 साल के बाद फिर से यह विमानन कंपनी टाटा की हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि दिसंबर तक इस सौदे को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
सरकार ने कही यह बात
एयर इंडिया को टाटा संस के हवाले करने को मंत्रियों के समूह से मंजूरी मिलने की खबर का खंडन करते हुए विनिवेश का काम देखने वाले वित्त मंत्रालय के विभाग दिपम ने कहा है कि यह खबर गलत है और जब कोई निर्णय लिया जाएगा तो उसकी जानकारी दी जाएगी। मीडिया में इस खबर के आने के बाद दिपम ने एक ट्विट के माध्यम से इसका खंडन किया और इसे सरासर गलत बताया। हालांकि, टाटा समूह की ओर से अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।