bihar assembly election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अभी तक एनडीए या महागठबंधन किसी की ओर से भी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। एनडीएम में सीट बंटवारे के पहले ही घमासान मचा हुआ। वहीं महागठबंधन में डिप्टी सीएम के लिए तकरार मची हुई है। राजद की ओर से तीन डिप्टी सीएम बनाने की बात चल रही है।
सीएम तय नहीं पर डिप्टी पर कई दावेदार
महागठबंधन के सहयोगी और वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी पिछले काफी समय से कहते रहे हैं कि वह महागठबंधन मेंं डिप्टी सीएम होंगे भले ही अभी सीटों पर बंटवारा नहीं हुआ है। इस बीच महागठबंधन की ओर से राजद ने कहा है कि अगर वह सत्ता मेंआता है तो दलित, मुस्लिम और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) समुदायों से तीन डिप्टी सीएम नियुक्त किए जाएंगे। वरिष्ठ राजद और कांग्रेस नेताओं नेबुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, कांग्रेस की ओर से इस पर अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। आरजेडी ने तीन डिप्टी सीएम का जो प्रस्ताव रखा है उसमें (आरजेडी , कांग्रेस और वीआईपी से एक एक डिप्टी सीएम) का प्रस्ताव रखा है।
महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं
राजनीतक विश्लेेषकों का कहना है कि सीटों के बंटवारे के पहले महागठबंधन मे डिप्टी सीएम के लिए बढ़ती मारामारी सबकुछ ठीक नहीं होने का संकेत है। उनका कहना है कि कांग्रेस काफी पहले कह चुकी है कि उसे दो डिप्टी सीएम का पद चाहिए जिसमें एक सवर्ण और एक मुस्लिम होगा। कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष दलित समुदाय से हैं। ऐसे मैं वह सवर्ण डिप्टी सीएम के रूप में सवर्ण मतदाताओं को लुभाने की रणनीति पर काम कर रही है जो अभी भाजपा के साथ हैं। वहीं मुस्लिम डीप्टी सीएम के जरिये मुस्लिम मतों के बिखराव को रोकने के साथ उनका भरोसा जीतना चाहती है।
सीएम फेस के लिए दबाव की रणनीति
विश्लेषकों का कहना है कि अभी तक जो भी ऐलान हुए हैं वह महागठबंधन की ओर से नहीं बल्कि राजद और वीआईपी मुखिया मुकेश सहनी की ओर से किए गए हैं। उनका कहना है कि यह तेजस्वी को महागठबंधन के सीएम के चेहरा के रूप में सहमति बनाने के लिए कांग्रेस पर दबाव बढ़ाने की रणनीति दिख रही है।