1971 के युद्ध वीर, ‘रेमन मैग्सेसे’ विजेता, बालाकोट पर मोदी सरकार का दिया साथ, केजरीवाल से गए ‘हार’

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास को 1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो के तौर पर जाना जाता है। सामान्यता एडमिरल रामदास सियासत या किसी दूसरी तरह की चकाचौंध से दूरी बनाए रखते थे। मगर बात जब सेना की आती तो वह मुखर होकर जवाब देने से पीछे नहीं हटते थे। फिर चाहे वो पुलवामा अटैक हो या बालाकोट एयरस्ट्राइक, इस पर सियासी बयानबाजी करने वालों के खिलाफ कड़ा विरोध जताया।

5 सितंबर 1933 को एडमिरल रामदास का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूलिंग दिल्ली के श्रीनिवासपुरी में कैम्ब्रिज स्कूल से की थी। एडमिरल एल नारायण दास ने 1971 के भारत-पाक जंग में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने नौसेना अभियान में आईएनएस ब्यास की कमान संभाली। इस अभियान के दौरान पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों को निकालने के प्रयास को इन्होंने विफल कर दिया, पाकिस्तान के इन्हीं सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने अवैध माल तस्करी करने वाले जहाजों पर पाकिस्तान को कब्जा करने से रोका था। इसके लिए उन्हें वीरता पुरस्कार वीर चक्र से भी सम्मानित किया गया।

उन्हें 1 सितंबर, 1953 को भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था। 1955 में लेफ्टिनेंट और 1963 में लेफ्टिनेंट-कमांडर के पद पर उन्हें पदोन्नत किया गया। एडमिरल रामदास को विभिन्न सम्मानों वीर चक्र, परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

एडमिरल रामदास ने दिसंबर 1990 से सितंबर 1993 के बीच करीब तीन सालों तक 13वें नौसेना प्रमुख के रूप में जिम्मा संभाला। सेवानिवृत्ति के बाद वह शांति और लोकतंत्र के लिए पाकिस्तान-भारत पीपुल्स फोरम से जुड़े। उन्होंने दक्षिण एशिया को सैन्य मुक्त और परमाणु मुक्त बनाने की वकालत की थी। इसके लिए उन्हें साल 2004 में शांति के लिए प्रतिष्ठित ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ से नवाजा गया था।

हालांकि, चकाचौंध से दूर रहने वाले एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे, जब वह राजनीतिक विवादों में कूद पड़े थे। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी पर आरोप लगाया था कि वे आईएनएस विराट पर पिकनिक मनाने गए थे, तो लक्ष्मीनारायण रामदास ने पीएम मोदी की इन बातों को सिरे से खारिज कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि पूर्व पीएम राजीव गांधी का वह सरकारी दौरा था। अन्ना आंदोलन के समय अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) बनाई थी, उसमें उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वो एकमात्र शख्स थे, जिन्हें अरविंद केजरीवाल अपनी वैगन आर में बैठाकर चुनाव आयोग के दफ्तर लेकर गए थे।

केजरीवाल ने पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल रामदास को पार्टी के आंतरिक लोकपाल समूह का जिम्मा सौंपा था। जब दिल्ली की सत्ता पर अरविंद केजरीवाल विराजमान हुए तो कई संस्थापकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था, जिसमें उनका नाम भी शामिल था।

आम आदमी पार्टी के इस व्यवहार के बाद उनका दर्द भी छलका था और उन्होंने इस फैसले पर नाराजगी भी जाहिर की थी।

नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल रामदास सार्वजनिक मुद्दों के लिए ताउम्र अथक प्रयास करते रहे,अपनी पत्नी ललिता रामदास के साथ वह तेलंगाना में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे।

15 मार्च 2019 को भारत-पाक युद्ध के नायक एडमिरल रामदास ने 90 साल की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका निधन हैदराबाद के एक सैन्य अस्पताल में हुआ था।

–आईएएनएस

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