गोवा: खनिज कंपनियों को निचले ग्रेड के लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क की अटकलों से चिंता, सरकार से पुनर्विचार की मांग

नई दिल्ली, 14 सितंबर 2025। गोवा की खनिज कंपनियों ने केंद्र सरकार द्वारा निचले ग्रेड (58% से कम आयरन कंटेंट) वाले लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क लगाने की संभावनाओं पर गंभीर चिंता जताई है। गोवा मिनरल ओर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन यानी खनिज अयस्क निर्यातक संघ (GMOEA) ने केंद्र को ज्ञापन भेजकर इस प्रस्तावित नीति पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

रोजगार और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर असर

GMOEA का कहना है कि गोवा में ज्यादातर लौह अयस्क निम्न-श्रेणी का होता है जिसकी घरेलू मांग बेहद कम है। ऐसे में यदि निर्यात शुल्क लगाया गया, तो यह खनन गतिविधियों, रोजगार और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डालेगा।

क्षेत्रीय खनिज विविधताओं को अनदेखा करने से नुकसान

संघ का यह बयान उस उच्चस्तरीय बैठक के बाद आया है जो 26 अगस्त को हुई थी, जिसमें देश में लौह अयस्क और इस्पात उत्पादन बढ़ाने पर विचार किया गया था। हालांकि बैठक का उद्देश्य इस्पात क्षेत्र को मजबूती देना था, लेकिन GMOEA ने चेताया है कि “एक देशव्यापी नीति लागू करते समय क्षेत्रीय खनिज विविधताओं को अनदेखा करना नुकसानदायक हो सकता है।”संघ ने यह भी तर्क दिया कि यदि निर्यात शुल्क लगाया गया तो इससे प्राकृतिक संसाधन का भंडारण और अपव्यय होगा, क्योंकि इन अयस्कों का घरेलू उपयोग बहुत सीमित है।