युवाओं के शैक्षणिक सपनों को साकार करने में शिक्षा ऋण बनेगा सहायक: बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली, 8 सितम्बर 2025 । देश में उच्च शिक्षा काफी महंगी हो गयी है। ऐसे में बिना शिक्षा ऋण यानी एजुकेशन लोन के बगैर आम आदमी के लिए उच्च शिक्षा सपने की तरह है। इसको देखते हुए देश में शिक्षा ऋण (Education Loan) को लेकर चल रहे सुधारों पर संसद की स्थायी समिति में गहन चर्चा हुई। इस अहम बैठक में रायपुर के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि “शिक्षा ऋण हमारे युवाओं के शैक्षणिक सपनों को साकार करने का सबसे बड़ा माध्यम बन सकता है।

समिति की बैठक में उठे ये पाँच महत्वपूर्ण बिंदु

बैठक की अध्यक्षता श्री दिग्विजय सिंह ने की, जिसमें शिक्षा ऋण को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने पर मंथन हुआ। निम्नलिखित पाँच बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई:

  1. शिक्षा ऋण का वर्षों का प्रदर्शन – किस हद तक छात्रों को लाभ मिला?
  2. शिक्षा ऋण की विभिन्न योजनाएँ – विभिन्न बैंकों और सरकारी योजनाओं की समीक्षा।
  3. मॉडल एजुकेशन लोन स्कीम (MELS) – सभी छात्रों के लिए एक समान मॉडल।
  4. प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना (PMVLS) – डिजिटल पोर्टल के माध्यम से ऋण सुविधा।
  5. शिक्षा ऋण हेतु क्रेडिट स्कोर – छात्रों की ऋण योग्यता को सरल बनाने पर चर्चा।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच हर विद्यार्थी तक जरूरी

शिक्षा ऋण से जुड़ी यह पहल हमारे देश के युवाओं को उनके शैक्षणिक सपनों को पूरा करने के लिए नई ऊर्जा और अवसर प्रदान करेगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक हर विद्यार्थी की पहुँच सुनिश्चित करना ही हमारे राष्ट्र की प्रगति का आधार है।

संसद में हो रही इस प्रकार की चर्चाएं यह दर्शाती हैं कि भारत सरकार शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु संकल्पबद्ध है। शिक्षा ऋण की सुलभता न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।