श्रीशैलम, 29 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीशैलम में अरुद्र नक्षत्र के सम्मान में गुरुवार को श्री स्वामी अम्मावरु (श्री भ्रमराम्बिका मल्लिकार्जुन स्वामी) के लिए स्वर्ण रथ उत्सव का आयोजन किया गया। श्री स्वामी अम्मावरु के लिए भक्तों ने विशेष पूजा की। इसके बाद स्वर्ण रथ उत्सव शुरू हुआ।
उत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए पुलिस बल के जवान भी रथ के साथ ही साथ चलते हुए नजर आए। एक रंग की वेशभूषा में महिलाओं ने शानदार प्रस्तुति दी। वहीं, पुरुषों ने भी यहां की कला संस्कृति को अपनी कला के माध्यम से प्रस्तुत किया।
बता दें कि वैदिक समिति के सुझाव पर स्वामी और अम्मावर का स्वर्ण रथ उत्सव आयोजित किया गया। चूंकि इस महीने की 29 तारीख को अरुद्र नक्षत्र था, इसलिए उस दिन स्वर्ण रथ उत्सव मनाने का निर्णय लिया गया था। गुरुवार को आदि दंपत्ति स्वर्ण रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
बता दें कि दक्षिण भारत में कई ऐसे मंदिरों का निर्माण हुआ,जो भारत में ही नहीं बल्कि, दुनिया भर में प्रसिद्ध हुए। श्रीशैलम मंदिर इन्हीं में से एक है। देवो के देव महादेव को समर्पित इस मंदिर को ‘दक्षिण के कैलाश’ के नाम से भी जाना जाता है। श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर 18 महाशक्ति पीठों में से एक है।
वहीं, श्रीशैलम मंदिर के दर्शन करने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। मंदिर के अलावा यहां पर पांच जगहों को भी देखने के लिए भक्त जाते हैं। इसमें एक आदिवासी संग्रहालय भी है। इसके अलावा यहां पर श्रीशैलम में विभिन्न प्रकार की वन जड़ी-बूटियां बेची जाती हैं। इन्हें नल्लामाला जंगल से चम्मचों से एकत्र किया जाता है। इनमें विभिन्न औषधीय गुण होते हैं।
–आईएएनएस
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