अयोध्या, 5 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अयोध्या में सिंघल फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित ‘भारतात्मा अशोक सिंघल वेद पुरस्कार- 2024’ के पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि देश और सनातन धर्म के लिए अब हमें अपने अधिकारों की चिंता कम और नागरिक कर्तव्यों के विषय में ज्यादा चिंतन करना होगा। सनातन ही दुनिया का एकमात्र धर्म है। सनातन धर्म सुरक्षित एवं समृद्धि के पथ पर अग्रसर रहेगा तो विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। अगर सनातन धर्म खतरे में पड़ेगा तो विश्व मानवता का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। अशोक सिंघल ने काशी हिंदू विश्विद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी, लेकिन उनका जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रचारक के रुप में सनातन धर्म के लिए समर्पित था।
सीएम योगी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन और अशोक सिंघल एक-दूसरे के पूरक थे। उनके पास सोते, जागते, उठते, बैठते सिर्फ एक ही कार्य था, श्रीराम जन्मभूमि की प्राप्ति। उसके लिए वो शांति और क्रांति दोनों मार्गों को अपनाने को आतुर रहते थे। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में उनके योगदान का प्रतिफल है कि 22 जनवरी 2024 के दिन इस सदी की सबसे उत्कृष्ट घटना घटी। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से भव्य मंदिर में प्रभु श्रीरामलला विराजमान हुए। साधना जब सच्ची होती है तो परिणाम प्राप्त होता ही है।
सीएम योगी ने कहा कि अछूतोद्धार के लिए अशोक सिंघल के प्रयास अतुलनीय हैं। उनके द्वारा स्थापित वेद विद्यालय और एकल विद्यालय भी श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा थे। ‘वेदो अखिलो धर्म मूलम्’ यानी अखिल विश्व के धर्म का अगर कोई मूल है तो वेद हैं। अशोक सिंघल ने वेदों के इस महत्व को अपने जीवन में अक्षरशः उतारने का कार्य किया था। गोरक्षक सुंदर यादव की आजमगढ़ में गोतस्करों ने हत्या कर दी थी। उस हत्या के खिलाफ आंदोलन हुआ था, जिसका अशोक सिंघल नेतृत्व कर रहे थे। इसी का परिणाम रहा कि गोरक्षक सुंदर यादव के हत्यारे जेल गए।
सीएम योगी ने कहा कि ‘भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा’ यानी भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत और संस्कृति में हो सकती है। यही भारत की आत्मा है और यही विश्व की आत्मा हो सकती है। दुनिया आज शांति, सुरक्षा और सौहार्द्र के लिए भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देखती है। पूरी दुनिया में आज कोई भी घटना घटित होती है तो दुनिया की निगाह भारत के नेतृत्व की तरफ होती है। दुनिया में जब भी शांति, सौहार्द्र, सुख और समृद्धि की बात होगी तो दुनिया का ध्यान भारत के गुरुकुलों की तरफ जाएगा। भारत ही उसका नेतृत्व करेगा।
कार्यक्रम के दौरान वेद मूर्ति वयोवृद्ध ब्रह्मर्षि विष्णु पटल सुब्रमण्यम को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, आचार्य गोपाल चंद्र मिश्र वैदिक उन्नयन संस्थान, काशी, उत्तर प्रदेश को उत्तम वेद विद्यालय के लिए 7 लाख रुपए का पुरस्कार, मेडल और प्रमाण पत्र, आदर्श वेदाध्यापक कुलपति आर. चंद्रमौलि श्रौती, तमिलनाडु को 5 लाख रुपए का पुरस्कार , मेडल और प्रमाण पत्र, उत्कृष्ट वेद विद्यार्थी नारायण लाल शर्मा राजस्थान को 3 लाख रुपए का पुरस्कार, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
–आईएएनएस
विकेटी/एबीएम