नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय पोलैंड यात्रा के बाद शुक्रवार को यूक्रेन पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की दो देशों की यह यात्रा भारत के लिए कई मायनों में खास है। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पोलैंड यात्रा 45 साल बाद हुई। इससे पहले 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने पोलैंड की यात्रा की थी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन की यात्रा भी किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 1991 में रूस से यूक्रेन के अलग होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।
आज प्रधानमंत्री मोदी की उन यात्राओं के बारे में जानेंगे जहां या तो कोई भारतीय प्रधानमंत्री गए ही नहीं या कई दशकों बाद उन देशों में भारतीय प्रधानमंत्री पहुंचे हैं।
2014 में प्रधानमंत्री बनने के तीन महीने के भीतर जब नरेंद्र मोदी ने 3-4 अगस्त 2014 को नेपाल की यात्रा की तो यह यात्रा देश के लिए यादगार रही। इस पड़ोसी देश की यात्रा पर भारत का कोई प्रधानमंत्री 17 साल बाद गया था। नेपाल में भारतीय प्रधानमंत्री की आखिरी यात्रा 17 साल पहले इन्द्र कुमार गुजराल ने की थी। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इसलिए भी और खास रही, क्योंकि वे नेपाल की संसद को संबोधित करने वाले पहले विदेशी नेता बने।
फिजी की यात्रा मोदी के कार्यकाल की एक और खास घटना थी। 19 नवंबर 2014 को, मोदी ने फिजी का दौरा किया था, जो 1971 में इंदिरा गांधी के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी, जो 33 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का फिजी दौरा था।
प्रधानमंत्री मोदी की मार्च 2015 में सेशेल्स की यात्रा भी ऐतिहासिक रही। 33 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस हिंद महासागर में बसे द्वीपीय देश की यात्रा की थी।
मार्च 2015 में पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा ने भी भारतीय पीएम के 28 लंबे सूखे को खत्म किया। इससे पहले 1987 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने श्रीलंका की यात्रा की थी। इस यात्रा में कोलंबो में भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीलंका के राष्ट्रपति जयवर्धने के बीच भारत-श्रीलंका शांति समझौता हुआ था।
मई 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने मंगोलिया का दौरा किया और वे मंगोलिया की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। यह यात्रा भारत और मंगोलिया के बीच कूटनीतिक संबंधों के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इसी साल जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने सेंट्रल एशियन देश उज़्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, और तजाकिस्तान की यात्रा की। ये देश 1991 में रूस से अलग होकर बने थे। नरेंद्र मोदी इन देशों की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने। यूरेनियम, कोबाल्ट जैसे तमाम प्राकृतिक तत्वों के लिहाज से महत्वपूर्ण देशों की यात्रा इन देश के लिए काफी महत्वपूर्ण रही।
जून 2016 में पीएम मोदी द्वारा की गई स्विट्जरलैंड की यात्रा भी दो दशकों में की गई किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। 2013 में देश में हुए काले धन को लेकर तमाम प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री की इस यात्रा में दोनों देशों के बीच काले धन पर व्यापक चर्चा हुई थी।
जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने मोजांबिक की यात्रा की। जो इस अफ्रीकी देश में भारतीय प्रधानमंत्री की 34 साल बाद यात्रा थी। इस यात्रा ने भारत और मोजांबिक के बीच संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ किया।
–आईएएनएस
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