लंदन के सेंट जेम्स पार्क में बनेगा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का नया राष्ट्रीय स्मारक

लंदन, 7 सितंबर (आईएएनएस)। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का एक नया राष्ट्रीय स्मारक लंदन के सेंट जेम्स पार्क में बनाया जाएगा। ब्रिटिश सरकार ने इसकी घोषणा की है।

सरकार ने एक बयान में कहा कि स्मारक मार्लबोरो गेट स्थित मॉल के पास बनाया जाएगा। इसमें आसपास की भूमि और ब्लू ब्रिज सहित झील तक जाने वाला मार्ग शामिल होगा। बकिंघम पैलेस और राष्ट्रमंडल मुख्यालय सहित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों के निकट होने के कारण चुना गया यह स्थल दिवंगत महारानी से व्यक्तिगत रूप से भी जुड़ा हुआ है।

उनके माता-पिता, किंग जॉर्ज VI और क्वीन एलिजाबेथ द क्वीन मदर का स्मारक मॉल के सेरेमनी रोड के पास स्थित है। इसके पास एलिजाबेथ द्वितीय का स्मारक स्थापित करना संवैधानिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। आपको बता दें कि 2023 में यूके सरकार और शाही परिवार द्वारा गठित एक समिति ने यूके के चार देशों की जनता, प्रमुख हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद स्थान का चयन किया था।

बयान में कहा गया है कि सरकार इस परियोजना का समर्थन करेगी तथा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में अतिरिक्त स्मारकों के लिए धन मुहैया कराने की योजना बना रही है। इस स्मारक का उद्देश्य महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देना है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और वैश्विक जीवन पर उनके स्थायी प्रभाव को दर्शाने के लिए महत्वपूर्ण पैमाने का होना है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि स्मारक जनता को “दिवंगत महारानी का सम्मान करने और हमारे साझा इतिहास से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा।” उन्होंने कहा, “महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हमारे देश के प्रति सेवा और समर्पण की स्थायी विरासत को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।”

डची ऑफ लैंकेस्टर के चांसलर पैट मैकफैडेन ने सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली ब्रिटिश महारानी को ऐसे स्थान पर स्मृति-स्थल पर स्थापित करने के महत्व पर बल दिया, जो ब्रिटिश समाज के हृदय में उनकी भूमिका को प्रतिबिंबित करता हो।

उल्लेखनीय है कि स्मारक के लिए डिजाइन चरण इस वर्ष के अंत में शुरू होगा, इसमें वास्तुकारों और डिजाइनरों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। अंतिम डिजाइन का अनावरण 2026 में महारानी एलिजाबेथ के 100वें जन्मदिन के अवसर पर किया जाएगा।

यह स्मारक विक्टोरिया मेमोरियल और रॉयल अल्बर्ट हॉल जैसे स्थायी स्थलों के माध्यम से अपने सम्राटों को सम्मानित करने की ब्रिटेन की परंपरा को जारी रखता है।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी