लखनऊ,16 सितंबर (आईएएनएस)। बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत दिल का दौरा पड़ने से ही हुई थी विसरा रिपोर्ट में भी ये बात स्पष्ट हो गई है। बांदा के डीएम ने इससे संबंधित जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
बांदा डीएम राजेश कुमार ने करीब 5 महीने तक चली जांच करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी है। लखनऊ भेजी गई विसरा रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। सीसीटीवी फुटेज और बैरक की जांच के अलावा खाने की जांच रिपोर्ट का भी अध्ययन किया गया। इसकी जांच के लिए जेल अधिकारियों और डॉक्टरों समेत 100 से ज्यादा लोगों के बयान लिए गए।
जांच में परिजनों के ‘स्लो पॉइजनिंग’ के आरोपों को खारिज कर दिया गया है। बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मौत की वजह हार्ट अटैक थी। इससे पहले पोस्टमार्टम और विसरा जांच में किसी भी तरह के जहर की पुष्टि नहीं हुई थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को मौत हो गई थी। इस घटना के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर ‘धीमा जहर’ देने का गंभीर आरोप लगाया था। हालांकि, तब भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई थी। इसके बाद विसरा जांच के लिए भेजा गया था। 20 अप्रैल को आई विसरा रिपोर्ट में भी जहर की मौजूदगी नहीं पाई गई।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 मार्च को मुख्तार अंसारी की हत्या की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि तीन सदस्यीय समिति मौत की जांच करेगी। इस मामले को लेकर मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने दावा किया था कि उसके पिता को जेल में धीमा जहर दिया गया था।
इसी तरह का दावा मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने भी किया था। मौत से पहले मुख्तार अंसारी ने भी बाराबंकी कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि जेल में परोसे जा रहे खाने में जहरीला पदार्थ मिलाकर दिया जा रहा है। अंसारी ने दावा किया था कि 19 मार्च को खाना खाने के बाद उसके नसों और अंगों में दर्द होने लगा था।
–आईएएनएस
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