नितेश कुमार ने स्वर्ण जीतने के बाद प्रमोद भगत से कहा, ‘पदक भारत में ही रहेगा’

नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। फ्रांस के पेरिस में पैरालंपिक खेलों में नितेश कुमार ने पैरा-बैडमिंटन पुरुष एकल एसएल3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के तुरंत बाद, 29 वर्षीय खिलाड़ी ने प्रमोद भगत से बातचीत की, जिन्होंने तीन साल पहले टोक्यो में इसी श्रेणी में जीत हासिल की थी और स्वर्ण पदक जीता था।

तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएल3 श्रेणी के स्वर्ण पदक विजेता भगत, बैडमिंटन विश्व महासंघ के डोपिंग रोधी पता-ठिकाना खंड का उल्लंघन करने के लिए 18 महीने का निलंबन झेल रहे हैं।

पेरिस पैरालंपिक में अपना कार्यक्रम समाप्त होने के तुरंत बाद, नितेश ने प्रमोद को फोन करके बताया कि स्वर्ण पदक भारत में ही रहेगा।

नितेश कुमार ने बुधवार को फ्रांस से लौटने पर आईएएनएस को बताया,“पदक जीतने के बाद, मैं भीड़ से बातचीत कर रहा था, यह सब उस पल की गर्मी थी। मैंने जश्न मनाया लेकिन फिर मैंने प्रमोद भैया को फोन किया और उन्हें बताया कि स्वर्ण पदक भारत में ही रहेगा। इसके बाद मैंने अपने परिवार के साथ एक छोटी सी बातचीत की और जब मैंने अपने माता-पिता की आंखों में आंसू देखे तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी,” ।

उन्होंने कहा, “जब मैं अपने होटल के कमरे में लौटा, तो मुझे नहीं लगा कि मैंने कुछ बड़ा किया है, लेकिन तब से जब भी मैं किसी भारतीय से मिलता हूं, वे मुझे बधाई देते हैं, आशीर्वाद देते हैं, मैं महसूस कर सकता हूं कि यह भारत के लिए कितना मायने रखता है।”

ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल के खिलाफ नितेश का फाइनल एक घंटे 20 मिनट तक चला। नितेश के पहला गेम 21-14 से जीतने के बाद, ब्रिटिश ने मैच में वापसी की और 21-18 की जीत के साथ मैच में स्कोर 1-1 से बराबर कर लिया। अंतिम गेम 23 मिनट तक चला और यह भारतीय ही था जिसने बेहद करीबी मुकाबले में 23-21 से जीत हासिल की।

नितेश ने खुलासा किया कि अंतिम क्षणों में उनकी मानसिकता क्या थी जब दबाव अपने चरम पर था।

उन्होंने कहा,“आम तौर पर एसएल3 के अच्छे गेम लंबे होते हैं इसलिए मैं लंबे गेम के लिए तैयार था। मैं इसे मैच-दर-मैच ले रहा था और जब मैंने अपना सेमीफाइनल जीता तो मुझे पता था कि फाइनल में मेरा मैराथन मुकाबला होने वाला है। मैंने अपनी रिकवरी पर ध्यान केंद्रित किया और मुझे पता था कि वह अधिक दबाव में होगा क्योंकि मैं विश्व नंबर 1 हूं, वह दूसरे स्थान पर है। मेरा लक्ष्य भारत के लिए स्वर्ण पदक वापस लाना था। जब अंतिम गेम अंत में टाई हो गया तो मुझे पता था कि वह हताश होकर हिट करेगा।”

–आईएएनएस

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