‘डॉक्टर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं’ : पवन खेड़ा

नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गुरुवार को कहा कि कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के बाद डॉक्टर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इसलिए वे सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमें ऐसा निष्कर्ष निकालना होगा कि आंदोलन कर रहे डॉक्टरों को संतुष्ट कर पाएं।

कांग्रेस नेता ने आईएएनएस से कहा, “उत्तराखंड में आपने देखा कि एक नर्स की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज का मामला सुर्खियों में है ही। मुंबई में डॉक्टर के साथ इस तरह का हादसा होते-होते बचा है। हमें इस मामले को गंभीरता से लेना होगा और हम सभी को मिलकर इसका जवाब ढूंढना होगा।”

उल्लेखनीय है कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से हुए कुकृत्य को लेकर देशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है। सभी डॉक्टर सड़कों पर उतरकर इस वीभत्स घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कोलकाता उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। इस बीच, जांच एजेंसी ने कई डॉक्टरों से पूछताछ की है। इसमें कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों इस मामले में नेशनल टास्क फोर्स का भी गठन किया था। इसमें डॉक्टरों और अधिकारियों को शामिल किया गया था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान जारी कर कहा कि इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, पीड़िता के पिता का आरोप है कि मुख्यमंत्री इस घटना से उद्वेलित हुए लोगों को दबाने का प्रयास कर रही हैं, जो कि किसी भी मायने में उचित नहीं है। इस मामले को लेकर देशभर में राजनीतिक आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। भाजपा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग कर रही है।

इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टर उद्वेलित हैं। आक्रोशित डॉक्टरों का दो टूक कहना है कि जब तक इस निंदनीय घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की जाती है, तब तक हम ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे। इससे मरीजों के उपचार में बड़े पैमाने पर बाधा आ रही है, लेकिन बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के मामले में हस्तक्षेप के बाद डॉक्टरों ने ड्यूटी पर लौटने का फैसला किया और कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन के साथ ही मरीजों का उपचार भी जारी रखेंगे, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। इससे पहले, डॉक्टरों के एक समूह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे खत में कहा था कि इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

उधर, इस घटना के प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एम्स सहित देश के शीर्ष अस्पतालों को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल प्रदान किया जाए। इसके लिए, अस्पताल में आने जाने वाली सभी मरीजों की बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति को सरलता से चिह्नित किया जाए।

–आईएएनएस

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