रांची, 20 अगस्त (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अपनी ही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से नाराजगी पर राज्य सरकार में मंत्री और राजद नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंगलवार को कहा कि वह ‘गुरुजी’ शिबू सोरेन के शिष्य हैं और किसी दूसरी पार्टी में कभी नहीं जाएंगे।
मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “जेएमएम ने उन्हें हमेशा ही मान-सम्मान दिया है। हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन्हें अपना अभिभावक मानते हैं। मेरा मानना है कि वह पार्टी छोड़कर नहीं जाने वाले। पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। मैं खुद उनके मंत्रिमंडल में रहा हूं और जानता हूं कि वह दिल के साफ आदमी हैं। उनका किसी से कोई भेदभाव नहीं है। कुछ लोग हैं जो उन्हें रास्ते से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा में फूट की खबरों का खारिज करते हुए कहा, “जेएमएम अभी भी है और आगे भी ऐसे ही रहेगा। देश एक है, प्रदेश एक है। दिल्ली या मुंबई जाना कोई गुनाह नहीं होता है। बहुत लोग इलाज के लिए भी जाते हैं, काम के सिलसिले में भी आना जाना लगा रहता है। इसलिए, इन बातों को गलत तरीके से लेना सही नहीं है।”
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जेएमएम के छह विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच चंपई सोरेन रविवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे थे।
पूर्व सीएम से पत्रकारों ने जब भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “मैं अपने निजी काम के लिए दिल्ली आया हूं। मेरे बच्चे यहां रहते हैं, उनसे मिलने आया हूं। इसलिए, दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। इसी वजह से आज भी दिल्ली आया हूं।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन 2 फरवरी 2024 से 3 जुलाई 2024 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, हेमंत सोरेन ने जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली थी।
–आईएएनएस
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