जूनियर चैंपियन से पेरिस ओलंपिक मेडल तक, मनु भाकर की उपलब्धियों पर एक नजर

नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज हैं। मुक्केबाजों और पहलवानों के लिए मशहूर हरियाणा की मनु भाकर ने निशानेबाजी में देश का नाम ओलंपिक में रोशन किया है।

मनु ने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी जैसी खेलों में हाथ आजमाया। इसके अलावा वह मार्शल आर्ट की एक फॉर्म में भी काफी अच्छी थीं। 2016 के रियो ओलंपिक के बाद, मात्र 14 साल की उम्र में उन्होंने निशानेबाजी की दुनिया में कदम रखा और इस खेल में उन्हें बेहद रुचि आई। मनु को उनके पिता ने शूटिंग को खेल के रूप में अपनाने का सुझाव दिया था।

अपनी बेटी के प्रति हमेशा से सहयोगी रहे मनु के पिता राम किशन भाकर के इस फैसला ने एक दिन मनु को ओलंपिक तक पहुंचाया और रविवार को वह ऐतिहासिक मेडल हासिल कर चुकी हैं।

साल 2017 की नेशनल निशानेबाजी चैंपियनशिप में मनु ने ओलंपियन और पूर्व विश्व नंबर एक हिना सिद्धू को चौंकाते हुए 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में 242.3 के रिकॉर्ड स्कोर से जीत दर्ज की। इसके बाद, उन्होंने 2017 की एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।

इसके बाद मनु ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमा दी। मैक्सिको में आईएसएसएफ विश्व कप में पदार्पण करते हुए, उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में जूनियर विश्व रिकॉर्ड तोड़ा और महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में जगह बनाई और गोल्ड मेडल जीतने में भी कामयाबी हासिल की। मात्र 16 साल की उम्र में वह आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं।

इसके बाद मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स टीम इवेंट में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता। मनु ने आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में भी 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत और मिश्रित टीम दोनों स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते।

मनु भाकर ने 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में नया गेम रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीतकर अपनी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने उसी साल हुए आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया और मिक्स टीम इवेंट में कांस्य पदक भी जीता।

मनु भाकर ने 2018 में ब्यूनस आयर्स में हुए युवा ओलंपिक खेलों में इतिहास रच दिया। यहां उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीतकर भारत की पहली निशानेबाज और पहली महिला एथलीट बनने का गौरव हासिल किया।

मनु भाकर ने सौरभ चौधरी के साथ जोड़ी बनाकर भी कीर्तिमान हासिल किए। मनु ने 2019 में म्यूनिख में हुए आईएसएसएफ विश्व कप में चौथा स्थान हासिल कर ओलंपिक कोटा भी पक्का किया। 2021 में दिल्ली में हुए आईएसएसएफ विश्व कप में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण और रजत तथा 25 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता, जिससे वह टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक की प्रमुख दावेदार बन गईं।

लेकिन, टोक्यो ओलंपिक मनु के लिए भूलने लायक अनुभव रहा। 10 मीटर एयर पिस्टल की क्वालिफिकेशन के दौरान उनकी पिस्टल में खराबी आ गई और वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं। इसके बाद मिक्स टीम 10 मीटर पिस्टल इवेंट में भी उनकी और सौरभ चौधरी की जोड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकी। टोक्यो ओलंपिक में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहने के साथ ही मनु भाकर का ओलंपिक अभियान एक निराशाजनक अंत तक पहुंचा।

टोक्यो 2020 के तुरंत बाद, मनु भाकर लीमा में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में जूनियर विश्व चैंपियन बनीं और तब से जूनियर स्तर पर नियमित रूप से पदक जीतती रही हैं। हालांकि, 2021 के बाद से सीनियर प्रतियोगिताओं में भारतीय निशानेबाज अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रहीं।

मनु भाकर ने 2022 के काहिरा विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में रजत पदक और 2023 के हांगझोऊ एशियाई खेलों में इसी इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। उनकी एकमात्र व्यक्तिगत सीनियर जीत 2023 आईएसएसएफ विश्व कप सीरीज के भोपाल चरण में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक के साथ आई। हालांकि, युवा निशानेबाज ने 2023 में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में पांचवां स्थान हासिल कर भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा हासिल किया।

–आईएएनएस

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