जाति के नाम पर समाज को बांटने वाले लोग 2017 के पहले दंगाइयों के सामने घुटने टेकते थे : मुख्यमंत्री योगी

मुरादाबाद, 2 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आर्यभट्ट इंटरनेशनल स्कूल में जनपद स्तरीय वृहद रोजगार एवं ऋण मेला के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर समाज को बांटने वाले 2017 से पहले दंगाइयों के सामने नाक रगड़ते थे।

कार्यक्रम में 100 कंपनियों ने मुरादाबाद के युवाओं के लिए 15,000 से ज्यादा नौकरियों का अवसर उपलब्ध कराया। साथ ही मेले में सीएम योगी ने 175.50 करोड़ रुपए का ऋण और 2,500 युवाओं को टैबलेट भी वितरित किया। इसके अलावा सीएम योगी ने 401 करोड़ रुपए की 292 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जैसे आज उत्तर प्रदेश, देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। वैसे ही मुरादाबाद भी उत्तर प्रदेश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने सपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “यह दल जाति, मत और मजहब के नाम पर देश और प्रदेश के सामाजिक ताने बाने को छिन्न-भिन्न करते हैं।” सीएम योगी ने विभाजनकारी ताकतों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि जाति के नाम पर समाज को बांटने वाले लोग 2017 के पहले दंगाइयों के सामने घुटने टेकते और नाक रगड़ते थे।”

सीएम योगी ने आगे कहा कि विगत साढ़े सात वर्ष में उत्तर प्रदेश ने विकास के नए आयामों को छुआ है। डबल इंजन सरकार में अब तक 1,60,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की भर्ती कर चुके हैं, जिसमें 20 फीसदी बेटियां शामिल हैं। अभी कुछ दिनों पहले 60,200 से अधिक पदों के लिए पुलिस भर्ती की प्रक्रिया संपन्न हुई है, जैसे ही इन्हें नियुक्ति पत्र मिल जाएगा, वैसे ही हम 40,000 पदों के लिए फिर भर्ती निकालेंगे। अगले दो वर्ष में दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे। साथ ही प्रदेश में आए निवेश से उत्तर प्रदेश के एक करोड़ युवाओं को नौकरी मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा, “2017 के पहले जब उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी निकलती थी तो उस समय चाचा-भतीजा की जोड़ी वसूली पर निकलती थी। चाचा-भतीजा की जोड़ी ऐसी खुराफात करती थी कि न्यायालय को नौकरी पर रोक लगानी पड़ती थी और सरकारी नौकरी चाचा भतीजा की वसूली की भेंट चढ़ जाती थी। युवा बेरोजगार हो जाते थे और उन्हें नौकरी के लिए देश के अन्य राज्यों में पलायन करने को मजबूर होना पड़ता था। आज उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है।”

–आईएएनएस

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