कावेरी जल विवाद पर डीके शिवकुमार ने तमिलनाडु से सहयोग की अपील की

बेंगलुरु, 16 जुलाई (आईएएनएस)। कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने इस विवाद पर तमिलनाडु से सहयोग की अपील की है।

दरअसल, सीपीआई और सीपीएम कावेरी जल को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस संबंध में सवाल करने पर डीके शिवकुमार ने कहा, “जिस तरह से हमारी जरूरतों की पूर्ति की जाती है, ठीक उसी प्रकार से तमिलनाडु के जरूरतों की पूर्ति हो, यह उनका संवैधानिक अधिकार है। अब वो इस संबंध में बैठक कर रहे हैं, तो कर सकते हैं। हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्हें अपनी बैठक करने का पूरा अधिकार है।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे नहीं लगता है कि इस मुद्दे पर टिप्पणी की जानी चाहिए। मैं चाहता हूं कि इस विवाद का जल्द से जल्द निपटारा हो। कुछ लोग इस मुद्दे को तूल देकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की फिराक में हैं, जो कि मैं बिल्कुल नहीं चाहता हूं। लेकिन यहां पर मैं तमिलनाडु के संबंध में एक टिप्पणी करना चाहता हूं कि जो जल हमारे द्वारा संचित किया जाएगा, उसे आप ही इस्तेमाल करेंगे। आप मेरा यकीन मानिए, उसमें हम बिल्कुल भी दखलंदाजी नहीं करेंगे। यह कर्नाटक के लोगों की तरफ से मेरी खास अपील है और मुझे पूरी उम्मीद है कि तमिलनाडु के लोग मेरी बातों पर ध्यान जरूर देंगे। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे का समाधान हो।“

उन्होंने आगे कहा, “मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो ऐसी स्थिति में हम इस पर कोई भी टिप्पणी करने से बचना चाहेंगे, लेकिन मैं एक बात कहना चाहता हूं कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, उसे हम सम्मान पूर्वक स्वीकार करेंगे। हमने अभी किसी पानी को रोककर नहीं रखा है। वहीं, हमारे पास जो भी पानी प्रवाहित होकर आ रहा है, उसे छोड़ा जा रहा है, उसमें हम किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं।”

उधर, सीबीआई द्वारा याचिका खारिज करने पर भी डिप्टी सीएम ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “लोकायुक्त और सीबीआई दोनों ही मामले की जांच कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि सीबीआई अपनी सीमा से बाहर क्यों जा रही है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मैं उनसे व्यक्तिगत तौर पर जाकर मिलूंगा। मैं उन्हें बताऊंगा कि मेरी आपत्तियां क्या हैं। वे हमारे बहुत से लोगों को परेशान कर रहे हैं।”

दरअसल, सीबीआई का आरोप है कि डीके शिवकुमार द्वारा 2013 से 2018 तक के बीच अर्जित की गई आय के स्रोतों के बारे में पता नहीं चल पा रहा है। जांच एजेंसी ने उन पर 74 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाया है। 2020 में उनके खिलाफ इस संबंध में केस दर्ज किया गया था।

–आईएएनएस

एसएचके/एसकेपी