आईफोन 16 सीरीज लॉन्च से भारत में एप्पल के कारोबार में दिखेगी जबरदस्त वृद्धि

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। दिग्गज टेक कंपनी एप्पल द्वारा वैश्विक स्तर पर नए आईफोन 16 के लॉन्च से भारत में कंपनी की आय में 2024 में सालाना 18 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। साथ ही आईफोन के निर्यात में भी इजाफा देखने को मिल सकता है। इंडस्ट्री एनालिस्ट्स ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

एप्पल की ओर से आईफोन 16 की नई सीरीज को लॉन्च कर दिया गया है। इसमें एप्पल इंटेलिजेंस, बड़ी डिस्प्ले और कैमरा कंट्रोल के साथ कई नए फीचर हैं।

जानकारों का कहना है कि एप्पल द्वारा प्रो वर्जन को पिछले साल की अपेक्षा सस्ता रखा गया है। यह कंपनी का भारत में मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद करेगा।

काउंटरपॉइंट रिसर्च के डायरेक्टर तरुण पाठक ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, “एप्पल भारत में मार्केट शेयर वॉल्यूम में 6 प्रतिशत और वैल्यू में 16 प्रतिशत है। ऐसे में दोहरे अंक में वृद्धि दर जारी रह सकती है। कंपनी की आय देश में 2025 में 10 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकती है।”

आईफोन 16 सीरीज 20 सितंबर से भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी।

एनालिस्ट ने आगे कहा कि भारत में आईफोन की ज्यादातर ग्रोथ पहली बार आईफोन का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की ओर से आएगी। एप्पल की ओर से देश में लगातार विस्तार किया जा रहा है। इससे कंपनी को वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।

पाठक ने आगे कहा, “एप्पल भारत में एक एस्पिरेशनल ब्रांड है और केवल प्रीमियम कैटेगरी में ही उपलब्ध है। इसको खरीदने में सबसे बड़ी समस्या बस केवल अधिक कीमत का होना है। बाजार में आज के समय में कई अच्छी फाइनेंस स्कीम उपलब्ध हैं, जो कि आईफोन को ग्राहकों के लिए किफायती बनाती हैं।”

ताजा कंज्यूमर रिसर्च के मुताबिक 10 में से 6 प्रीमियम स्मार्टफोन यूजर फाइनेंस स्कीम के जरिए फोन खरीदना पसंद करते हैं।

वैश्विक निवेश फर्म जेफरीज के मुताबिक, सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के कारण आईफोन का प्रोडक्शन भारत में एप्पल की कुल शिपमेंट का 2023 में 10 प्रतिशत रहा, जो कि 2017 में एक प्रतिशत से भी कम था। कंपनी की योजना 2025 में इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक करने की है।

साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) में इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप के वीपी प्रभु राम ने कहा कि नई आईफोन 16 सीरीज के आने से भारत में एप्पल के कारोबार में मजबूत दिखेगी। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत मैन्युफैक्चरिंग बढ़ना इसके प्रमुख कारणों में से एक है।

–आईएएनएस

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