रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड), 13 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरनकी में ‘श्री केदारनाथ धाम’ के नाम से मंदिर स्थापित किए जाने का विरोध शुरू हो गया है। केदारनाथ धाम के तीर्थपुरोहित शनिवार को केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर के शिलान्यास के विरोध में एकजुट हुए।
तीर्थपुरोहित समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का शिलान्यास किये जाने का विरोध किया। इस दौरान धामी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की गई।
केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि हिन्दू परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस फैसले को शीघ्र वापस ले, नहीं तो देश में बड़ा आंदोलन होगा। यह हिंदू आस्था के साथ सनातन और वैदिक परंपरा का अपमान है।
उन्होंने कहा कि केदारघाटी में केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का निधन हुआ है और वहीं पांच जवान शहीद हो गए हैं। इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर का शिलान्यास किया। विधायक शैलारानी रावत का अंतिम संस्कार होने से पहले ही वह दिल्ली जाकर केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास करते हैं, यह किसी भी सूरत में सही नहीं है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। सीएम धामी चारधाम यात्रा में भी गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति कर रहे हैं, जो सरासर गलत है।
दरअसल, बीते बुधवार को दिल्ली में भगवान केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किया गया है, जिसमें सीएम धामी ने जाकर शिलान्यास किया। इसके बाद केदारघाटी की जनता और केदारनाथ का पंडा समाज आहत और आक्रोशित है।
–आईएएनएस
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