थाईलैंड-चीन वीज़ा-मुक्त नीति से द्विपक्षीय मित्रता को मदद मिलेगी : थाई अधिकारी

बीजिंग, 30 अगस्त (आईएएनएस)। साल 2024 चीन-आसियान मानविकी आदान-प्रदान का वर्ष है। थाईलैंड में एक स्तंभ उद्योग के रूप में, पर्यटन ने कई वर्षों से चीन और थाईलैंड के बीच सम्बंधों के विकास और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हाल ही में, थाईलैंड के राष्ट्रीय पर्यटन ब्यूरो के उप प्रधान चट्टान कुंजारा ना अयूध्या ने राजधानी बैंकॉक में चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के संवाददाता को एक विशेष साक्षात्कार दिया। इस दौरान, उन्होंने बल देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी वीजा छूट निस्संदेह थाईलैंड-चीन सम्बंधों के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वर्तमान में, थाईलैंड-चीन सम्बंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं और अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।

बता दें कि इस वर्ष मार्च से ही, चीन और थाईलैंड के बीच पारस्परिक वीज़ा छूट नीति से प्रेरित होकर, थाईलैंड जाने वाले चीनी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से इस गर्मियों में, थाईलैंड चीनी आउटबाउंड यात्रा के लिए लोकप्रिय स्थलों में से एक बन गया है। चट्टान अयूध्या ने कहा कि इस नीति से दोनों देशों के लोगों के बीच मित्रता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

उनका कहना है कि वीज़ा-मुक्त नीति के कार्यान्वयन का मतलब है कि दोनों देशों के नागरिक बिना वीज़ा के दोनों देशों के बीच स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते हैं। यह नीति लोगों के लिए यात्रा की योजना बनाने के समय को कम करती है और लागत को कम करती है, जिससे थाई लोगों के लिए चीन जाना और चीनी लोगों के लिए थाईलैंड आना पहले से कहीं अधिक आसान और सुविधाजनक हो गया है।

चट्टान अयूध्या को आशा है कि यह वीज़ा-मुक्त नीति जारी रह सकती है और इसे हर साल बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि इससे थाईलैंड और चीन के बीच दोस्ती बढ़ाने और पर्यटन के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

चट्टान अयूध्या के अनुसार, थाईलैंड के पर्यटन उद्योग के लिए चीन न केवल सबसे महत्वपूर्ण बाज़ार है, बल्कि सबसे बड़ा बाज़ार भी है। थाई राष्ट्रीय पर्यटन ब्यूरो का अनुमान है कि इस वर्ष थाईलैंड 80 लाख चीनी पर्यटकों को आकर्षित करेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बल देते हुए कहा कि थाईलैंड और चीन के बीच बढ़ता पर्यटन उद्योग न केवल आर्थिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ को भी गहरा करता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

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