नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। शॉट पुट एथलीट तजिंदरपाल सिंह तूर सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारतीय एथलेटिक्स में एक चमकते सितारे हैं। वह एक ऐसा खिलाड़ी हैं जिन्होंने न केवल शॉट पुट के खेल में अपना लोहा मनवाया, बल्कि अपनी मेहनत, संकल्प, जुनून और इच्छाशक्ति से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई। पंजाब के मैदानों से ओलंपिक तक का सफर करने वाले तूर ने 25 अगस्त के दिन जकार्ता एशियाई खेलों में एक नया रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल हासिल किया था।
25 अगस्त, 2018 को तजिंदरपाल सिंह तूर ने 20.75 मीटर की थ्रो के साथ न केवल गोल्ड मेडल जीता, बल्कि एक नया राष्ट्रीय और एशियाई खेलों का रिकॉर्ड भी बनाया था।
पहले यह रिकॉर्ड ओम प्रकाश करहाना के नाम था जो 20.69 मीटर थ्रो के साथ नेशनल रिकॉर्ड होल्डर थे। इस रिकॉर्ड को तजिंदर पाल सिंह तूर ने अपनी पांचवीं कोशिश में ही तोड़ दिया था। तजिंदरपाल ने इससे पहले अपनी पहली कोशिश में 19.96 मीटर का थ्रो करके गेम में बढ़त बना ली थी।
इससे पहले, तजिंदर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 20.40 मीटर का था, जो उन्होंने 2017 में पटियाला में फेडरेशन कप में हासिल किया था। जकार्ता के एशियाई खेलों में तजिंदरपाल इतनी शानदार फॉर्म में थे कि उन्होंने अपनी छठी और आखिरी कोशिश में भी 20 मीटर का थ्रो किया था।
यह भारतीय एथलेटिक्स में एक शानदार पल था। तजिंदरपाल के कोच मोहिंदर सिंह ढिल्लों इस शानदार प्रदर्शन के बाद उनके साथ खुशी मनाने लगे थे। तजिंदरपाल के गोल्ड के साथ भारत को एशियाई खेलों में नौवां स्वर्ण पदक मिला, जो इस खेल में भारत का सबसे सफल प्रदर्शन था।
इस जीत के साथ ही तजिंदरपाल ने अपने पिता के सपने को साकार किया था। लेकिन, इस खुशी के बीच एक दुखद खबर ने उनके दिल को झकझोर दिया था। तजिंदरपाल अपने गोल्ड मेडल के साथ जैसा ही जकार्ता से दिल्ली वापस लौटे तो उनको पता चला कि उनके पिता का कैंसर से निधन हो गया। पिता अपने बेटे का गोल्ड मेडल तक नहीं देख पाए थे। लेकिन तजिंदरपाल ने इसे अपनी प्रेरणा बनाकर ओलंपिक में भाग लेने का निर्णय लिया था।
तजिंदरपाल का एशियन गेम्स रिकॉर्ड जून 2024 तक कायम रहा। हालांकि तूर के लिए उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियां यही नहीं रुकी। साल 2021 में उन्होंने चौथे इंडियन ग्रां प्री में 21.49 मीटर की थ्रो के साथ न केवल राष्ट्रीय, बल्कि एशियाई रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था। इस प्रदर्शन ने उन्हें टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कराया। हालांकि, ओलंपिक में वह अपनी कलाई की चोट के कारण फाइनल में जगह बनाने से चूक गए। यह उनका पहला ओलंपिक था।
बाद में 2022 में भी चोट के कारण वह विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप से हटने पर मजबूर हुए थे। लेकिन 2023 में उन्होंने फिर मजबूत वापसी की। उन्होंने कजाकिस्तान में एशियन इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, थाईलैंड में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप, और चीन में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर सभी को अपनी क्षमता का अहसास कराया।
पंजाब के इस एथलीट ने बाद में भुवनेश्वर में नेशनल चैंपियन में 21.77 मीटर का थ्रो करके अपने रिकॉर्ड को और सुधारा था। हालांकि पेरिस ओलंपिक तजिंदरपाल सिंह तूर के निराशाजनक रहा क्योंकि वह पुरुषों के शॉट पुट इवेंट में 15वें स्थान पर रहे और डायरेक्ट क्वालीफाई करने में असफल रहे थे।
–आईएएनएस
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