बेंगलुरु 31 अगस्त (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की और केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करने के लिए उनका आभार जताया।
एआईएमपीएलबी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि कर्नाटक सरकार तेलंगाना की तर्ज पर इस विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करे।
एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम ने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस संशोधन के साथ कानून को पारित करती है, तो यह देश के मुसलमानों के साथ एक बड़ा धोखा होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि संशोधित कानून में जमीन से संबंधित विवादों का निर्णय कलेक्टर को देने से मुसलमानों को काफी नुकसान होगा, क्योंकि कलेक्टर अक्सर सरकार के पक्ष में फैसले लेते हैं। यह स्थिति वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व और प्रबंधन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
मौलाना रहीम ने बोर्ड में गैर-मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने के प्रस्ताव को भी असंवैधानिक बताया। उनका कहना था कि इस प्रस्ताव से वक्फ की संवैधानिक स्थिति और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड को विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है और वे जल्द ही तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का उद्देश्य विधेयक के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक गठबंधन बनाना है।
इसके अतिरिक्त, मौलाना फजलुर रहीम ने वक्फ की जमीनों पर अतिक्रमण की चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए कि वक्फ की जमीन के साथ कोई धोखाधड़ी न हो। इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि मुसलमानों की धार्मिक संपत्तियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
बता दें, शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की दूसरी बैठक में बिल को लेकर भाजपा और विपक्षी सांसदों के बीच जोरदार बहस हुई। विपक्षी सांसद थोड़ी देर के लिए बैठक से वॉकआउट भी कर गये। विधेयक पर अपना पक्ष रखने के लिए बैठक में आमंत्रित मुस्लिम संगठनों ने बिल का विरोध किया। जेपीसी की अगली बैठक 5 और 6 सितंबर को होगी।
–आईएएनएस
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