ईईटी फ्यूल्स ने फ्रंट-एंड इंजीनियरिंग डिजाइन चरण में किया प्रवेश, औद्योगिक कार्बन कैप्चर परियोजना के लिए टोयो-इंडिया की नियुक्ति

स्टेनलो (ब्रिटेन), 3 सितंबर (आईएएनएस)। दुनिया की अग्रणी लो-कार्बन प्रोसेस रिफाइनरी के निर्माण की योजना पर काम कर रही और ईईटी फ्यूल्स के ट्रेड नाम से कारोबार करने वाली कंपनी एस्सार ऑयल यूके अपनी औद्योगिक कार्बन कैप्चर (आईसीसी) परियोजना के फ्रंट-एंड इंजीनियरिंग डिजाइन (एफईईडी) चरण में पहुंच गई है।

कंपनी ने एफईईडी चरण को पूरा करने के लिए टोयो इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया है, जो परियोजना प्रबंधन प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है। टोयो-इंडिया के नाम से जानी जाने वाली कंपनी टोयो इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन, जापान की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है। यह एक अग्रणी इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण कंपनी है।

टोयो-इंडिया डिजाइन पूरा करने, परियोजना को जोखिम मुक्त बनाने, विस्तृत लागत विश्लेषण और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की देखरेख में मदद करेगी। एफईईडी के पूरा होने से कंपनी आईसीसी परियोजना पर अंतिम निवेश निर्णय (एफआईडी) लेने में सक्षम होगी।

आईसीसी परियोजना के 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह स्टैनलो रिफाइनरी की पूर्ण अवशेष द्रव उत्प्रेरक क्रैकिंग (एफसीसी) इकाई से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को कैप्चर करेगी, जो यूरोप की सबसे बड़ी इकाइयों में से एक है।

स्टेनलो के यूनीक लोकेशन का लाभ उठाते हुए कैप्चर की गई कार्बन डाइऑक्साइड को एक रीपर्पस्ड मौजूदा गैस परिवहन नेटवर्क का उपयोग करके स्थायी रूप से लिवरपूल खाड़ी के गैस फील्ड में छोड़ा जाएगा, जो इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में हाइनेट औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन क्लस्टर का हिस्सा है।

आईसीसी परियोजना से प्रति वर्ष 10 लाख टन सीओ2 प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे स्टेनलो में होने वाले कार्बन उत्सर्जन का लगभग 45 प्रतिशत समाप्त हो जाएगा। परियोजना ने कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस) क्लस्टर सिक्वेंसिंग प्रोसेस में ‘डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी सिक्युरिटी एंड नेट ज़ीरो’ के ट्रैक वन विस्तार कार्यक्रम के हिस्से के रूप में राजस्व सहायता तंत्र के लिए ब्रिटेन की सरकार के साथ बातचीत के अधिकार के लिए आवेदन किया है। अंतिम निवेश निर्णय की तारीख की पुष्टि इस प्रक्रिया का हिस्सा होगी।

यह घोषणा ईईटी फ्यूल्स के हाइड्रोजन ईंधन स्विचिंग परियोजना के लिए एफईईडी का संचालन करने के लिए ‘वुड’ नामक कंपनी की नियुक्ति के बाद की गई है। इन दोनों परियोजनाओं की प्रगति ब्रिटेन के अग्रणी ऊर्जा संक्रमण हब के निर्माण के साथ स्टेनलो रिफाइनरी में 2030 तक सीओ2 उत्सर्जन को 95 प्रतिशत तक कम करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कंपनी की गति को दर्शाती है।

ईईटी फ्यूल्स के सीईओ दीपक माहेश्वरी ने कहा, “हमारी महत्वाकांक्षी कार्बन कैप्चर और स्टोरेज योजनाएं स्टेनलो का एक प्रमुख घटक हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए रिफाइनरी के भविष्य को सुरक्षित करती हैं और (ब्रिटेन के) उत्तर पश्चिम में औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन को काफी कम करती हैं। यह घोषणा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि हम दुनिया की पहली लो कार्बन प्रोसेस रिफाइनरी बनने की दिशा में काम कर रहे हैं, और हम इस परियोजना के लिए एफआईडी प्राप्त करने की दिशा में गति बनाए रखने के लिए टोयो-इंडिया के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।”

–आईएएनएस

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