अमिताभ बच्चन ने बताया, बीएससी में उन्हें कितने अंक मिले थे

मुंबई, 20 अगस्त (आईएएनएस)। मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने इस बात का खुलासा किया है कि फेल होने के बाद अगले साल उन्होंने बीएससी में कितने अंक प्राप्त किए थे। उन्होंने यह भी कहा कि एक लेक्चर में भाग लेने के बाद उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ था।

दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक करने वाले अमिताभ ने “कौन बनेगा करोड़पति 16” पर खुलासा किया कि उन्हें बीएससी में केवल 42 प्रतिशत अंक मिले थे।

उन्‍होंंने कहा, ”बिना जाने कि आखिर बीएससी साइंस होता क्‍या है, हमने बीएससी कर ली। अच्छे नंबर आए तो हमने अप्लाई कर दिया।”

अभिनेता ने शेयर करते हुए कहा कि पहले ही लेक्चर में समझ आ गया था कि उन्होंने गलती की है।

“10 साल में हमने सीखा था साइंस में स्कोप है, वो 45 मिनट में खत्म कर दिया।”

उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि वे पहली बार फेल हो गए थे।

1962 में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल करने वाले अमिताभ ने कहा, ”पहली बार मैं असफल रहा फिर जब मैंने बड़ी मुश्किल से प्रयास किया तो मुझे 42 प्रतिशत अंक मिले।”

1969 में अमिताभ ने मृणाल सेन की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म “भुवन शोम” में एक वॉयस नैरेटर के रूप में अपनी फिल्मी यात्रा की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने 1969 में एक अभिनेता के रूप में फिल्म “सात हिंदुस्तानी” में अभिनय किया। 81 वर्षीय को इसके बाद ‘आनंद’, ‘परवाना’, ‘रेशमा और शेरा’, ‘बॉम्बे टू गोवा’, ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘कभी-कभी’, ‘हेरा फेरी’, ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘त्रिशूल’, ‘डॉन’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘सुहाग’, ‘नसीब’, ‘लावारिस’, ‘नमक हलाल’, ‘मर्द’, ‘शराबी’, ‘शान’, ‘याराना’ और ‘अग्निपथ’ में देखा गया।

उन्होंने 1990 के दशक में अभिनय से ब्रेक लिया और फिर “मोहब्बतें”, “कभी खुशी कभी गम..” “आंखें”, “बागबान”, “खाकी,” “बंटी और बबली,” “चीनी कम,” “शूटआउट एट लोखंडवाला,” “पा,” “पीकू,” “ब्रह्मास्त्र: पार्ट वन – शिवा” से वापसी की और उनका सबसे हालिया काम “कल्कि 2898 ईस्वी” है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी