भाजपा को इस बार पहुमत से कम यानी 241 सीटें मिलने और एनडीए के सहयोगियों के सहारे गठबंधन सरकार चलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर भारत के प्रधानमंत्री की रूप में केवल बहुमत की सरकार चलाई है। ऐसे में उनके लिए गठबंधन सरकार चलाना मुश्किल है। लेकिन मोदी के तरकश मेंं एक ऐसा तीर है जो अपने विरोधियों को खुश रखने का भी राज जानता है। जानकारों का मानना है कि इस बार मोदी सहयोगियों को नाथने के लिए इस तीर को खूब चलाएंगे।
गठबंधन सरकार में ट्रंफ कार्ड साबित हो सकते हैं राजनाथ
भाजपा के दिग्गज नेता और अपने विरोधियों को भी मुस्कुराने के लिए विविश करने देने वाले राजनाथ सिंह वह चेहार हैं जो इस बार मोदी सरकार के लिए तुरूप का पता साबित हो सकते हैं। भौतिकी के प्रोफेसर से देश के रक्षा मंत्री तक का लंबा सफर तय करने वाले राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के ऐसे मजबूत स्तंभ हैं जिनकी पहचान कुशल प्रशासक और राजनीतिक शुचिता का सम्मान करने वाले परिपक्व नेता के रूप में होती है।
प्रतिद्वंद्वियों पर भी निजी हमले करने से परहेज
मधुरभाषी और नपा तुला बोलने वाले सिंह प्रतिद्वंद्वियों पर कमोबेश निजी हमले करने से परहेज करते हैं। पार्टी में उनके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लाल कृष्ण आडवाणी के बाद वह ऐसे नेता हैं जिन्होंने दो अलग अलग कार्यकाल के लिए पार्टी की कमान संभाली है।
यूपी के सीएम और वाजपेयी सरकार में संभाल चुके हैं अहम पद
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राजनाथ सिंह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक विरासत को इस लिहाज से आगे बढ़ा रहे है कि उन्होंने वाजपेयी के संसदीय क्षेत्र लखनऊ से लगातार चारबार विजय प्राप्त की है। वह पाजपीयी सरकार में कृषि मंत्री और भूतल परिवहन मंत्री रह चुके हैं। वह 2005 से 2009 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के बाद 2013 – 14 में भी भाजपा अध्यक्ष रहे । उन्हीं के अध्यक्ष रहते पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिये नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगी थी ।
नकलची विद्यार्थियों को परीक्षा हॉल से गिरफ्तार कराया
साल 1991 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो राजनाथ सिंह को शिक्षा मंत्री बनाया गया। 1994 में वह राज्यसभा गए और 1997 में उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बनाए गए। व्यक्तिगत रूप से नरम मिजाज राजनाथ प्रशासक के रूप में बेहद सख्त मिजाज के लिए जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहते उन्होंने नकल रोधी कानून लागू करवाया था। इसमें नकलची विद्यार्थियों को परीक्षा हॉल से गिरफ्तार किया जाता था और जमानत अदालत से मिलती थी। साथ ही वैदिक गणित को पाठ्यक्रम में भी शामिल करवाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।
सीएम के रूप में भी छोड़ी अमिट छाप
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राजनाथ सिंहसिंह 20 अक्टूबर 2000 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालांकि उनका कार्यकाल दो साल से भी कम समय का रहा। इसके बाद केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग सरकार में सिंह को भूतल परिवहन और कृषि मंत्री बनाया गया था।