हिंडनबर्ग ने अडाणी पर खुल्लम खुल्ला धोखाधड़ी का आरोप लगाया, समूह ने बताया बेबुनियाद

भारत के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी समूह पर वित्तीय  शोध  कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर ‘खुल्लम-खुल्ला  शेयरों में  गड़बड़ी  और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया है।सूचीबद्ध कंपनियों ने काफी कर्ज लिया है। इसमें जब शेयर भाव ऊंचे थे, तब उसे गिरवी पर रख कर लिया गया कर्ज शामिल है। इस तरह इस कर्ज ने पूरे समूह की  वित्तीय हालत को खस्ताहाल  स्थिति में डाल दिया है।

अडाणी समूह ने बताया बेबुनियाद

अडाणी समूह ने हालांकि  इस आरोप  को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उसने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि उसकी शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के गलत इरादे से किया गया है। अडाणी समूह ने कहा कि रिपोर्ट को लेकर तथ्यों की पुष्टि के लिये उससे कोई संपर्क नहीं किया गया और यह अचंभित और परेशान करने वाला है। समूह ने कहा कि रिपोर्ट कुछ और नहीं  बल्कि  चुनिंदा  गलत और  निराधार सूचनाओं को  लेकर तैयार की गयी है  और जिसका मकसद  पूरी तरीके से दुर्भावनापूर्ण है। जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, उसे भारत की अदालतें भी खारिज कर चुकी हैं। इसके अलावा समूह ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है।  उसने कहा कि  एफपीओ से  ठीक पहले जारी रिपोर्ट  से साफ पता चलता है कि दुर्भावनापूर्ण  इरादे से इसे लाया गया है जिसका मकसद अडाणी समूह के साख को बट्टा लगाना है।

कर्ज को लेकर चिंता नहीं: अडाणी समूह

अडाणी समूह बार-बार कर्ज  को लेक र चिंता को खारिज करता रहा है। समूह के  मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ)  जुगेशिन्दर सिंहने 21 जनवरी को  मीडिया से बातचीत में कहा था कि किसी  ने भी  हमारे कर्ज  को लेकर चिंता नहीं जतायी। एक भी निवेशक ने कुछ नहीं कहा है।  समूह का कहना है कि वित्तीय विशेषज्ञों  और प्रमुख राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग  एजेंसियों के विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट के आधार पर  निवेशक समुदाय ने  हमेशा  अडाणी समूह में भरोसा जताया है। उल्लेखनीय है कि फिच  समूह की इकाई ‘क्रेडिटसाइट्स’ ने  पिछले साल सितंबर में  अपनी रिपोर्ट में  कहा था कि समूह भारी कर्ज में डूबा हुआ है। हालांकि, बाद  में उसने आलकन  की गलती मानी।साथ में  यह भी कहा  कि वह अडाणी समूह  के ऊपर कर्ज को लेकर चिंतित है।