बक्सर को मिला अपने ‘घर’ का सांसद, सुधाकर सिंह ने जलाई ‘लालटेन’, कमल का फूल मुरझाया

ऐतिहासिक बक्सर लोकसभा सीट पर राजद के सुधाकर सिंह ने जीत की लालटेन जलाकर बीजेपी के कमल के फूल को मुरझा दिया है। सुधाकर ने अपने निकटतम प्रतियोगी बीजेपी के मिथिलेश तिवारी को 30 हजार से अधिक मतों से हरा दिया। इसके साथ ही बक्सर को 15 साल बाद स्थानीय सांसद मिल गया है।

हर राउंड के बाद बढ़ती रही धड़कन

मतों की गिनती के क्रम के दिनभर उतार-चढ़ाव देखा गया। इससे उम्मीदवारों के साथ उनके समर्थकों की धड़कने भी बढ़ती रहीं। कुछ मौकों पर मतों का अंतर एक हजार को कुछ मौकों पर महज 300 के करीब रहा। हालांकि, शाम होते-होते सुधाकर सिंह की बढ़त जारी रही वह जीतने में कामयाब रहे।

कितने मिले वोट

राजद के सुधाकर सिंह को 4,38,345 वोट मिले। वहीं बीजेपी से मिथिलेश तिवारी ने 4,08,254 वोट हासिल किए। इस तरह उन्होंने बीजेपी के मिथिलेश तिवारी को 30,091 वोट से हरा दिया। इस जीत के बाद राजद और महागठबंधन के खेमें मेंं खुशी की लहर हैं। इसके साथ ही बक्सर को अपने घर यानी स्थानीय सांसद मिल गया है। आबको बता दें कि 2009 में सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह सांसद के रूप मेंं जीते थे। इसके बाद 2014 और 2019 में अश्वनी चौबे सांसद रहे जो मूलरूप से भागलपुर के रहने वाले हैं। इस बार बीजेपी ने मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया था जो गोपालगंज के रहने वाले हैं।

जब सीएम को कहा-इस्तीफा भेजवा दूंगा

सुधाकर सिंह सच को सच और गलत को गलत यानी बेबाक बोलने के लिए जाने जाते हैं। इसमें वह पार्टी लाइन से परे जाने या कुर्सी को ठोकर मारने से भी परहेज नहीं करते हैं। बहुत हद तक यह अंदाज उनको विरासत में मिला है। उनके पिता और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी राजनीतिक हलकों में अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। जेडीयू के साथ महागठबंधन की सरकार में सुधाकर सिहं कृषि मंत्री थे तो कृषि से जुड़े कुछ मद्दो को लेकर सरकार की नीतियों की आलोचना करने से परहेज नही किया। इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार से कई बार चेताया लेकिन सुधाकर ने पीछे हटने की बजाय यहां तक कह दिया कि मैं सीएम को इस्तीफा भेजवा दूंगा। हालांकि, सुधाकर का यही अंदाज उन्हें युवाओं के साथ जाति-धर्म से परे गरीबों के हर वर्ग के बीच लोकप्रिय बनाता है।