High Court canceled 65 percent reservation rule in Bihar: बिहार में आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरक्षण कानून में संशोधन कर 65 फीसदी आरक्षण की संवैधानिक वैधता को खारिज कर दिया है। इसमें SC (एससी), ST (एसटी) EBC (ईबीसी) और अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिया गया था। इस नए कानून से सामान्य वर्ग के लिए महज 35 फीसदी ही स्थान सरकारी सेवाओं के लिए बच रहा था।
सरकार के कानून को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को मंजूरी
हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के 65 फीसदी आरक्षण के नियम को रद्द करने के साथ ही सरकार के कानून को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को भी मंजूदी दे दी है। आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने इस साल 11 मार्च को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब गुरुवार को फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार के 65 फीसदी आरक्षण के नियम को रद्द कर दिया है।
सिर्फ 35 फीसदी रह गया था सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण
याचिका में राज्य सरकार द्वारा 21नवंबर,2023 को पारित कानून को चुनौती दी गई थी, जिसमें SC (एससी), ST (एसटी) EBC (ईबीसी) और अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिया गया है,जबकि सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मात्र 35 फीसदी ही पदों पर सरकारी सेवा में दिया जा सकता है जिसमें ईडब्लूएस के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण भी शामिल है।