नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको मंगलवार शाम को हैदराबाद हाउस में होने वाली तीसरी भारत-जापान द्विपक्षीय विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए सोमवार दोपहर नई दिल्ली पहुंची। जापानी विदेश मंत्री ने भारत आगमन से ठीक पहले कहा, “भारत का रणनीतिक महत्व कभी इतना अधिक नहीं रहा जितना अब है।”
मंगलवार को कामिकावा योको और जापान के रक्षा मंत्री माइनोरू किहारा विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक्स पर पोस्ट किया, “भारत-जापान बहुआयामी साझेदारी के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाली ठोस चर्चा आगे है।”
जापान के विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद कामिकावा योको की यह पहली भारत यात्रा है। उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है।
कामिकावा योको की नई दिल्ली यात्रा से पहले जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत एशिया और अफ्रीका को जोड़ने वाले हिंद महासागर के समुद्री मार्गों के केंद्र में स्थित है, और ‘स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक’ (एफओआईपी) को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। ऐसे में स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और मजबूत करने की दिशा में रणनीतिक माहौल, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के बारे में बात करें।”
द्विपक्षीय वार्ता से पहले जापानी विदेश मंत्री का भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के साथ भी मिलने और बातचीत करने का कार्यक्रम है, जहां वे द्विपक्षीय आर्थिक और विकास सहयोग के साथ पीपल-टू-पीपल आदान-प्रदान और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक संबंधों को मजबूत करने के अपने इरादे की पुष्टि करेंगे।
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए टोक्यो की अपनी यात्रा के दौरान पिछले महीने विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि भारत-जापान संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक वातावरण से आकार लेते हैं और नई क्षमताओं के युग में नई प्रौद्योगिकियां, नई चुनौतियां और नए तनाव के बीच दोनों के मध्य “समसामयिक साझेदारी” की आवश्यकता है।
29 जुलाई को जापान नेशनल प्रेस क्लब में जयशंकर ने टिप्पणी की थी, “जहां तक जापान का संबंध है, हमारा लक्ष्य तेजी से निवेश बढ़ाना है। भारत में 1,400 जापानी व्यवसाय संचालित हैं। हम उस संख्या को बढ़ते हुए देखना चाहते हैं और हमारा लक्ष्य 2027 तक 5 ट्रिलियन येन यानी 42 बिलियन डॉलर का निवेश है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जापान लंबे समय से भारत की आर्थिक और प्रौद्योगिकी उन्नति से जुड़ा हुआ है, यह न केवल जापानी प्रगति का उदाहरण है, बल्कि यह हमारे सहयोग के रूप में भी परिलक्षित होता है।”
उसी दिन जापान के विदेश मंत्री कामिकावा योको के साथ जयशंकर की बातचीत हुई, जहां जापानी विदेश मंत्री ने कहा कि टोक्यो नई दिल्ली को एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है, जिसके साथ वह बातचीत और सहयोग को बढ़ाने के जरिए नए समाधान “सह-निर्माण” करने का इरादा रखता है।
उस दौरान दोनों मंत्री द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए थे और भारत और जापान के बीच एक प्रमुख हाई-स्पीड रेल परियोजना की बेहतरीन प्रगति की सराहना की थी। जेईटी कार्यक्रम के तहत भारतीय नागरिकों के लिए भर्ती के विस्तार और भारत में जापानी भाषा भागीदारों को भेजने की शुरुआत का स्वागत भी किया था।
— आईएएनएस
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