चंपई सोरेन की बगावत पर चिराग पासवान बोले, ‘सम्मान से समझौता किसी को भी बर्दाश्त नहीं होगा’ (आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कोलकाता की घटना, लेटरल एंट्री से लेकर चंपई सोरेन की बगावत पर अपनी प्रतिक्रिया दी। यहां पढ़िए चिराग पासवान से बातचीत के महत्वपूर्ण अंश।

सवाल :- रक्षाबंधन के मौके पर आप देश की बहनों को क्या संदेश देना चाहेंगे?

जवाब :- रक्षाबंधन की देशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। भाई-बहन के अटूट प्यार का यह त्योहार है। इस त्योहार को मैं अपने परिवार के साथ मिलकर मनाता हूं। हमारा पूरा परिवार इस मौके पर इकट्ठा होता है। हमारी पूरी पीढ़ी होती है। इसके अलावा हमारे भांजे और भांजियां भी होते हैं, अच्छा लगता है, जिस खुशियों के साथ मिलकर हम इस त्योहार को मना रहे हैं। वहीं, मैं उन बहनों को भी याद कर रहा हूं, जो आज हमारे बीच नहीं हैं। वो आपराधिक मानसिकता की शिकार हुई हैं। ऐसे में मैं चाहता हूं कि देश का हर युवा इस संकल्प और सोच के साथ जैसे अपनी बहन को देखता है, उसी सोच के साथ वो दूसरे की बहन को भी देखे, ताकि निर्भया जैसी घटनाएं हमारे देश में दोबारा से नहीं हो।

सवाल :- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल की घटना को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष शांत है, वहीं सत्तापक्ष के लोग आवाज उठा रहे हैं?

जवाब :- यह गलत है, इस तरह से अगर आप सेलेक्टिव होकर आपराधिक घटनाओं को देखेंगे। एनडीए के राज्यों की घटनाओं को विपक्ष उठाएगा और अपने राज्य में खामोश रहेगा। यह गलत है, मैं कहता हूं कि यह सोच ही गलत है। जरूरत है कि आप लोग एकजुट होकर इस आपराधिक मानसिकता के खिलाफ लड़े। सत्तापक्ष हो या विपक्ष, कोई भी इस घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसे में जब तक हम एक साथ नहीं आएंगे। इस तरह के अपराधियों को बल मिलता रहेगा। जरूरत है ऐसे उदाहरण रखने की, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसे जघन्य व निंदनीय घटना को अंजाम नहीं दे सके।

सवाल :- झारखंड में जारी राजनीतिक संग्राम के बीच चर्चा है कि चंपई सोरेन एनडीए के साथ आ सकते हैं। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी इसका स्वागत किया है। इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब :- अगर आएंगे, तो अच्छी बात है। लेकिन, मुझे पता नहीं है कि उनका क्या फैसला है। उनके सोशल मीडिया पर दिए बयान से ये साफ जाहिर हुआ है कि उनके मान-सम्मान को जरूर ठेस पहुंची है और सम्मान से समझौता किसी को भी बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।

सवाल :- ‘लेटरल एंट्री’ पर आपकी पार्टी का क्या स्टैंड है?

जवाब :- मैं और मेरी पूरी पार्टी स्पष्ट राय रखती है कि सरकारी को कोई भी नियुक्तियां, उसमें आरक्षण के प्रावधानों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। निजी क्षेत्रों में ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कोई भी सरकारी नियुक्ति होती है, कैसी भी हो, उसमें आरक्षण के प्रावधानों को ध्यान रखना चाहिए। इसमें नहीं रखा गया है, यह हमारे लिए चिंता का विषय है। मैं खुद सरकार का हिस्सा हूं और मैं इसे सरकार के समक्ष रखूंगा और हां मेरी पार्टी इससे कतई सहमत नहीं है।

–आईएएनएस

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