भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह जल्द ही सीमित उपयोग के लिए डिजिटल करेंसी ई-रुपया पायलट आधार पर पेश करेगा। आरबीआई भारत में डिजिटल मुद्रा का परीक्षण कर रहा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में डिजिटल मुद्रा पेश करने का प्रस्ताव किया था।
इसके उपयोग की जानकारी देगा आरबीआई
रिजर्व बैंक ने केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के बारे में पेश अपनी एक संकल्पना टिप्पणी में कहा कि पायलट आधार पर इस तरह की पेशकश की सीमा और दायरे का विस्तार होने के साथ ही समय-समय पर ई-रुपये की विशिष्ट विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
नफा-नुकसान पर चर्चा
इस संकल्पना टिप्पणी में डिजिटल मुद्रा की टेक्नोलॉजी और डिजाइन विकल्प, डिजिटल रुपये के संभावित उपयोग, और डिजिटल मुद्रा को जारी करने की व्यवस्था जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की गई है। इसमें सीबीडीसी की शुरूआत के चलते बैंकिंग प्रणाली, मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों की पड़ताल की गई है। साथ ही गोपनीयता के मुद्दों का विश्लेषण भी किया गया है।
क्या होगा सीबीडीसी से फायदा?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल लोकसभा को बताया था कि सीबीडीसी की शुरूआत से कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे। इनमें नकदी पर निर्भरता कम होना, लेनदेन की लागत में कमी और निपटान जोखिम में गिरावट आदि कई फायदे शामिल हैं। सीबीडीसी के आने से अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और कानूनी रूप से वैध भुगतान विकल्प भी बनेंगे।उन्होंने आगे यह भी कहा था कि इससे जुड़े जोखिम भी हैं, जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की जरूरत है।