नोएडा, 14 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में नोएडा विकास प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये की एफडी के नाम पर 3.90 करोड़ रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर कर निकालने वाले मास्टर माइंड मन्नु भोला को क्राइम ब्रांच और नोएडा थाना सेक्टर-58 पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। उसके एक साथी त्रिदिव दास को भी पुलिस ने पकड़ा है। दोनों को दिल्ली के कबीर पैलेस होटल से पकड़ा गया है। उन्होंने ट्रांसफर किया गया सारा पैसा हवाला के जरिये कैश में किया था।
मनोज कुमार नाम के व्यक्ति ने 4 जुलाई 2023 को सेक्टर-58 थाने में शिकायत दी थी कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने अपने बैंक खातों में जमा धनराशि पर अधिकतम ब्याज कमाने के लिए बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर- 62 को 200 करोड़ रुपये की एफडी के लिए चुना था। प्राधिकरण ने 21 जून 2023 को बैंक खाता संचालन के लिए बैंक को पत्र भेजा। बैंक ने 23 जून 2023 को पत्र और ई-मेल के द्वारा बैंक खाता खोले जाने की पुष्टि की।
इसके बाद प्राधिकरण ने 100-100 करोड़ रुपये की धनराशि 26 जून 2023 को एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 शाखा एवं इंडियन बैंक सेक्टर-61 के खातों से भेजकर 200 करोड़ की एफडी बनाकर उपलब्ध कराने को कहा। बैंक ऑफ इंडिया ने 100-100 करोड़ रुपये की दो एफडी की मूल प्रति प्राधिकरण को उपलब्ध करायी गई।
बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर-62 द्वारा दिये गये गये एफडी की पुष्टि करने के लिए 3 जुलाई 2023 को मनोज कुमार बैंक शाखा गए तो पता चला कि प्राधिकरण के खाते में जमा धनराशि पर 200 करोड़ रुपये की एफडी नहीं बनवायी गयी। उस खाते से 30 जून 2023 को 3.90 करोड़ रुपये किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिये गये। साथ ही नौ करोड़ रुपये और ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया गया। बैंक ने तत्काल नौ करोड़ के ट्रांजेक्शन को फ्रीज किया।
इस पूरी जालसाजी का मास्टरमाइंड मन्नु भोला था। पूछताछ करने पर पता चला कि बैंक में प्राधिकरण द्वारा खोले गये खाते को अब्दुल खादर हैंडल कर रहा था। उसे पुलिस ने पिछले साल ही गिरफ्तार लिया था। इसके अलावा राजेश पाण्डेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मन्नु भोला और उसका एक साथी त्रिदिब दास तब से फरार चल रहा था।
मन्नु भोला और त्रिदिब ने बताया कि अन्य साथियों के साथ मिलकर नोएडा विकास प्राधिकरण की 200 करोड रुपये की फर्जी एफडी बैंक ऑफ इंडिया की शाखा सेक्टर-62 नोएडा में बनवाई। इसी फर्जी दस्तावेज को वे बैंक कर्मचारी बनकर नोएडा प्राधिकरण में देकर आ गए। उनका मकसद धीरे-धीरे पूरे 200 करोड़ रुपय को ट्रांसफर करवाना था।
पहले तीन खातों में 3.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाए। इसके बाद नौ करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का आवेदन दिया। लेकिन बैंक शाखा को शक हो गया। यह सारा पैसा अब्दुल खादर, राजेश पाण्डेय, सुधीर, मुरारी और राजेश बाबू तथा अन्य ने हवाला के जरिये दिल्ली में कैश किया। इस काम के लिए मन्नु भोला को लगभग 50 लाख रुपये मिले थे।
डीसीपी शक्ति मोहन अस्वथी ने बताया कि मन्नु भोला मर्चेंट नेवी में रह चुका है। उसके ऊपर पश्चिम बंगाल में भी मुकदमे दर्ज है। वह होटलों में फर्जी दस्तावेज बनाकर रहता था। हवाला नेटवर्क में उसके अच्छे कनेक्शन हैं। उसके चार बैंक खाते मिले हैं जिनको फ्रीज किया गया है।
–आईएएनएस
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